रोटी भारतीय खाने का प्रमुख हिस्सा है. रोजाना हम सभी दिन एक टाइम को सब्जी के साथ इसे जरूरी खाते हैं. इसमें ज्यादातर लोग गेहूं की रोटी खाते हैं. लेकिन कुछ मामलों में लोग अलग-अलग अनाज से बनी रोटी खाना पसंद करते हैं जैसे कि डायबिटीज के मरीज को मल्टी ग्रेन आटे से बनी रोटी खाने की सलाह दी जाती है. वहीं कुछ लोगों को ग्लूटेन इन्टॉलरेंस या फिर इससे एलर्जी तो उन्हें गेहूं से बनी रोटी न खाने की सलाह दी जाती है. इसमें गेहूं, रागी, ज्वार और बाजरा भी शामिल है.
इन सभी को रोटी या फिर अलग-अलग तरह से डाइट में शामिल किया जाता है. क्योंकि इन सभी के पोषक तत्व अलग-अलग होते हैं. इसलिए यह सभी आपकी सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं और इन्हें अपने शरीर की जरूरत के मुताबिक ही डाइट में शामिल करना चाहिए. आइए जानते हैं बाजरा, गेहूं, ज्वार और रागी की क्या तासीर होती है और उन्हें कब खाना चाहिए.
गेहूं
मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में सीनियर डायरेक्टर- गैस्ट्रोएंटरोलॉजी डॉक्टर शुभाशीष मजूमदार ने बताया कि गेहूं की तासीर हल्की गर्म होती है. यह एनर्जी और कार्बोहाइड्रेट का अच्छा सोर्स होता है. इसमें प्रोटीन, अच्छी मात्रा में फाइबर, आयरन और विटामिन-बी कॉम्प्लेक्स मौजूद होते हैं. यह पाचन को बेहतर बनाने में मददगार होता है. इसे ठंड और सामान्य मौसम के लिए बेहतर माना जाता है. जिन लोगों को ग्लूटेन से एलर्जी होती है उनके लिए यह नुकसानदायक हो सकता है. इसके बहुत ज्यादा मात्रा में खाने से अलावा मोटापा और ब्लड शुगर बढ़ सकता है.
रागी
रागी की तासीर ठंडी होती है. इसमें कैल्शियम और आयरन अच्छी मात्रा में पाया जाता है. इसलिए यह हड्डियों के लिए फायदेमंद होता है. डायबिटीज के मरीजों के लिए अच्छा होता है. यह पाचन में हल्का और भूख को नियंत्रित करने में मदद करता है. लेकिन इसे ज्यादा खाने से पेट भारी महसूस हो सकता है. इसके अलावा कमजोर पाचन वाले लोगों को गैस की समस्या हो सकती है. गर्मियों और बरसात के मौसम में रागी शरीर को ठंडक पहुंचाता है.
ज्वार
ज्वार की तासीर ठंडी होती है. यह ग्लूटेन-फ्री अनाज है. इसलिए ग्लूटेन एलर्जी वालों के लिए यह अच्छा ऑप्शन माना जाता है. इसमें फाइबर अच्छी मात्रा में मौजूद होता है इसलिए इससे कब्ज की समस्या से राहत मिल सकती है. हार्ट और ब्लड शुगर के लिए फायदेमंद होता है. वहीं अगर इसके नुकसान की बात करें तो जरूरत से ज्यादा इसे खाने से पाचन धीमा हो जाता है. ठंडी तासीर के कारण सर्दियों में ज्यादा खाने से बलगम की समस्या हो सकती है. गर्मियों और बरसात में सेवन अच्छा माना जाता है.
बाजरा
एक्सपर्ट ने बताया कि बाजरा की तासीर गर्म होती है. इसमें आयरन, मैग्नीशियम और प्रोटीन भरपूर मात्रा में पाया जाता है. यह सर्दी में शरीर को एनर्जी और गर्माहट प्रदान करता है. हार्ट को हेल्दी बनाने और हड्डियों के लिए फायदेमंद होता है. लेकिन इसे ज्यादा खाने से कब्ज या एसिडिटी की समस्या हो सकती है. गर्मियों में ज्यादा सेवन करने से गर्मी और शरीर में पित्त बढ़ सकता है. ठंड के मौसम में भी सही मात्रा में खाना चाहिए.
हर अनाज को खाने के अपने अलग-अलग फायदे हैं. हर व्यक्ति को अपने शरीर की जरूरत के मुताबिक और बैलेंस तरीके से इनका सेवन करना चाहिए. मौसम और शरीर की प्रकृतिक को ध्यान में रखते हुए ही खान पान होना चाहिए. बैलेंस मात्रा में अगर चीजों का सेवन किया जाए तो ही यह सेहत के लिए फायदेमंद होती हैं.
